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मेरा गांव...

!!MERA GAON MERA GHAR!!

Thursday, March 10, 2011

मेरा गांव...: तिब्बत परेशांन है।

मेरा गांव...: तिब्बत परेशांन है।
Posted by सुनील कुमार at 7:01 AM
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सुनील कुमार
फितरत मेरी हारना नहीं है लेकिन किस्मत के आगे किसका जोर है धीरे और देर से ही सही अपनी मजिल तक पहुचने की चाह रखता हूँ जामिया से पत्रकरिता से स्नातक और अपनी बदकिस्मती के कारन एक साल के अंतर के बाद फिर मेरी गाड़ी पटरी पर आई है और इग्नू से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर कर रहा हूँ सड़क का आदमी हूँ सड़क पर चलना अच्छा लगता है मेरा गाँव संसार की सबसे पवित्र नदी गंगा के किनारे पर है जो कमलेश्वर जैसे लेखक और तुलसीदास जैसे महापुरुष की जन्मस्थली रही है अक्सर सोचता हूँ जब दीखता हूँ किसी का दुःख दिल में लिए सोचता हूँ गाँव से प्यार है सिर्फ एक ही आश है की गाँव का शरीफ किसान शहरों में आकर शहरों की चकाचौंध में कहीं गुम न हो जाये
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