Tuesday, March 29, 2011

जिन्दगी कैसी है पहेली हाय

जिन्दगी कैसी है पहेली हाय
कभी तो हँसाये कभी तो रुलाए

कभी देखो मन नहीं चाहे
पीछे पीछे सपनो के भागे

एक दिन सपनो का यही,
चला जाए सपनो के आगे कहाँ

जिन्होंने सजाये यहाँ मेले,
सुख दुःख संग संग झेले

वही चुनकर ख़ामोशी,
यूँ ही चले गये अकेले कहाँ

जिन्दगी कैसी है पहेली हाय
कभी तो हँसाये कभी तो रुलाए

No comments:

Post a Comment