जब देखा उसको इस कडकडाती ठण्ड में


जब देखा उसको इस
कडकडाती ठण्ड में
तो मैंने पूछ लिया
की तेरा नाम क्या है

मेरी आँखों से नजरे 
मिली उसकी. और में 
समझ गया की उसका
नाम क्या है

सुबह की कड़ी ठण्ड में
उसके हाथो में रिंच थी 
और सामने खड़ी  मोटर 
बाइक थी.

जिसके
  पत्थर  की तरह 
सकतटायर को खोल कर
इन नन्हे और नरम हाथो  
को पेंचर लगानाथा, मेरी   
जवान फिसल पड़ी 

मैंने पूँछ लिया की 
कहाँ के हो बच्चे?
जाने कहाँ से 
जबाब आया
 
की हिंदुस्तान की  
बद्किस्मत का में
चस्मो चिराग हूँ.

फिर थोड़ी देर चुप हुआ,
और
तपाक से फिर कोई
बोला
.की  में वह  चिराग हूँ ,
जिसके दिए से रोशनी सिर्फ
झोपड़ पट्टी में होती है .

कानून बनते है योजनाए
जन्म लेती है.गरीब की
 
देहलीज तक भी पहुंचती है

फायदा भी होता है फर्क

सिर्फ इतना है की 
हमारे
यहाँ दिया बुझाता  है क्यूँकी
उसमे तेल नहीं होता.




लेकिन किसी और के
यहाँ उसी तेल से
जनरेटर के चलने की
आवाज इसकदर आने 
 
लगती  है की झोपड़े में 
भी चैन से सोया
नहीं
जा सकता ...