Friday, February 25, 2011

प्याज के रस से होना शुरू हुआ बिजली का उत्पादन ।

कृषि कचरे को ऊर्जा में बदलकर कैलिफोर्निया की एक कंपनी पैसा बचा रही है,पुरस्कार जीत रही है और साथ ही ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में कटौती भी कर रही है।

’’पर्यावरणविदों और इंजीनियरों’’ ने इस काम की सरहाना की।

कैलिफोर्निया की बहुत सी कंपनियां बहुत सारे नये अविष्कार कर रहीं हैं....जिसमें से गिल्स अनियन्स का नाम कुछ नया करने में सबसे आगे है। आॅक्सनार्ड में एक परिवार के स्वामित्व में प्याज की प्रोसेसिंग का कारोबार चल रहा है जहां प्याज के रस से बिजली बनाई जा रही है...यह काम कंपनी को सालाना दस लाख डालर प्रतिवर्ष से भी ज्यादा बचाने में मदद कर रहा है। गिल्स ने अपनी इस अहम परियोजना में एक ऐसी चीज लगा रखी है जिसमें कृषि कचरे को ऊर्जा में बदल दिया जाता है। इस तरह की शुरूआत की सरहाना ’’पर्यावरणविद और इंजीनियर’’ दोनों ही करते नहीं थक रहे हैं।

कटी-छटी प्याज का उपयोग सरल हुआ।

अमेरिका में कच्चे प्याज के सबसे बडे़ प्रोसेसर के नाते गिल्स में विभिन्न प्रकार के ग्राहकों के लिए इस महकदार सब्जी की करीब 362,800 किलोग्राम मात्रा को काटा-छांटा जाता है। गिल्स में सुपरमार्केट श्रृंखलाएं और रेस्तरां हैं और हां मैक्डाॅनल्ड भी। इस प्रक्रिया में 40 फीसदी प्याज बेकार हो जाती थी बेकार प्याज कंपनी को चलाने वाले दोनों भाइयों ’’स्टीव और डेविड गिल’’ के लिए ऐसी चुनौती थी जिसका सामना बहुत से लोगांे ने किया लेकिन उनकी आंखों में आंसू आए ही।

एन अनूठी पहल

इस अनूठी पहल को करने में गिल्स को 12 साल लग गए। गिल्स ने इन बारह सालों में धैर्य के साथ काम लिया। क्योंकि कचरे के निपटारे के लिए कोई तकनीक मौजूद नहीं थी। गिल्स को खुद ही सारा शोध एवं विकास का काम करना था। जिसके लिए कुल बजट

कंपनी के एडवांस्ड एनर्जी रिकवरी सिस्टम पर तकरीबन एक करोड़ आठ लाख डाॅलन की लागत आनी थी। शुरूआत में यह एक समस्या थी। गिल्स अनियन्स को 18 लाख डाॅलर संघीय सरकार से निवेश कर क्रेडिट के रूप में मिल गए। 27 लाख डालर सेम्प्रा एनर्जी से उसके नवीकरणीय ऊर्जा स्वयं उत्पादन प्रोत्साहन कार्यक्रम के तहत मिले। और इस परियोजना ने अपने कदम बहुत तेजी से आगे फैलाने शुरू कर दिए।

बिजली का उत्पादन और खपत।

गिल्स अपनी बिजली का 80 फीसदी खुद ही उत्पादीत करते हैं और उन्हें अपना निवेश छह साल के भीतर वापस मिल जाने की आशा है। इसके अलावा वे संयंत्र से हर दिन ९०]७०० किलोग्राम प्याज के छिलकों को हटाने में भी सफल रहते हैं। और कंपनी ने ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में कमी भी की है क्योंकि अब प्याज के छिलकों को लाने और ले जाने के लिए ट्रकों को हजारों चक्कर नहीं लगाने पड़ते हैं।

चुनौती

सबसे बड़ी चुनौती प्याज का रस निकालने की तकनीक विकसित करनी थी और इस रस को पचाने की तकनीक भी विकसित करनी थी, ऐसा काम जो अब तक किसी ने नहीं किया था। इसके बाद दोनों तकनीकों का आपस में किस तरह तालमेल बिठाया जाए। यह एक बड़ी चुनौती सामने थी।

एनर्जी रिकवरी सिस्टम काम कैसे करता है।

इस चुनौती को एनर्जी रिकवरी सिस्टम के तहत गिल के यहां बनने वाले 113,500 लीटर प्याज के रस को पाइपों के जरिये एक ऐसे स्लज ब्लेंकट रिएक्टर में भेजा गया... जहां आॅक्सीजन की गैर मौजूदगी के साथ बहुत तेज बहाव होता है। बैक्टीरिया की मदद से 548,800 लीटर के डाइजेस्टर में प्याज के रस का फर्मंटेशन होता है और मीथेन गैस बनती है। इसे ट्रीटमेंट और कंप्रेस करने के बाद दो फ्यूल सेल को एनर्जी देने के काम लिया जाता है।

450 घरों की बिजली की जरूरत पूरी हो जाती है

कंपनी के 5.6 हैक्टेयर में फैले संयंत्र में ये फ्यूल सेल स्थापित हैं। ये इतनी बिजली बनाते हैं कि 450 घरों की बिजली की जरूरत या कंपनी की ज्यादातर जरूरत इससे पूरी हो जाती है प्याज के ऐसे छिलके जिनका रस नहीं बना सकते, उन्हें टुकड़े कर प्याज की खल बनाने के काम में लिया जाता है जो जानवरों को खिलाई जाती है।

साभार स्पैन

संपादित सुनील कुमार लौनिया

1 comment:

  1. अच्छी जानकारी - ज्ञानवर्धक पोस्ट

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