Friday, March 18, 2011

क्योंकि आज होली है। .

क्योंकि आज होली है ।
सारे गिले शिक्वे भूल कर
सारी नफरत को दरकिनार कर
दो दिल मिल जाते है
मानों यू जैसे पानी में रंग।

क्योंकि होली है
न व्यंग करों, न कटाक्ष,
न करों कोई ऐसी बात
जो बीते पल याद आएं
क्योंकि आज होली है

जीवन के दर पर ,
कुछ खुशियां दस्तक देती हैं
क्यों रूठे हो इनसे, अपनाते क्यों नहीं,
रंगों से नफरत है तो गुलाल सही
आओं तो प्यार से एक बार,
गुलाल भी नहीं, तो दिल का प्यार ही सही।
क्योंकि आज होली है।

तुमहारे ही अंदाज में खेलेंगे होली,
न घबराओं प्यारे, बिंदास है होली।
आज दोस्तों का साथ जरूरी है
कमरे में बंद रहना क्या बहुत जरूरी है।
क्यों न हो जाओं साथ-साथ फिर
क्योंकि आज होली है।




न गम रहे, न दर्द हो पास
आज हो तो सिर्फ प्यार
गुझियों की मिठास मिटा दे,
दिलों से सभी कडवाहट
सभी में हो प्यार,
क्योंकि आज होली है। .

होली मुबारक.....

2 comments: