Sunday, November 28, 2010

शब्दों से अब बात बनती नही

शब्दों से अब बात बनती नहीं
राजनीती मैं ये पैतरा पुराना
हो गया.
अगर चाहते हो जीना तुम.
तो सोच लो करना है क्या
क्यूंकि बातो से अब दुनिया चलती नहीं.

शान से जीना है तो पहले दूसरों
को दो मोका .
क्यूंकि राजनीती मैं चालबाजी
अब जनता से चलती नहीं.

लालू का हश्र हुआ है बुरा..
संभलो मोका है अभी.
बाद मैं ना बोलना की बताया था नहीं.

जागने का प्रमण हम दे चुके है कभी
तुम बदल जाओ कह रहे है अभी.

नहीं तो तुमको पता है जनता का फैसला .
इनकी आँखों पर पट्टी कभी बन्दती नहीं

फ्रांस और रसिया मैं देख चुके हो क्या हुआ.
सोच लो अगर यहाँ होगा तो बात फिर बनती नहीं.

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